एक्शन मोड में जिला कलेक्टर के आने से कई विभागों के अधिकारियों का छुटा पसीना

छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा जिला कलेक्टर संजीव झा ने पर्यावरण संरक्षण और पॉवर प्लांटो की मनमानी पर एक्शन मोड में नजर आये। कलेक्टोरेट में हुए समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने ऐश यूटिलाइजेशन और परिवहन के मुद्दे पर गहरी नाराजगी जताते हुए अफसरों का चेताते हुए कहा कि “अमृत आप पीयेंगे और विष कोरबा के लोगों के लिए फेंक देंगे……ऐसा नही चलेगा। शहर में कही भी किसी की जमीन पर अगर बिना अनुमति के राख डंप किया, तो अब खैर नही होगी। ऐसे लोगों के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज करायी जायेगी”। कलेक्टर यहीं नही रूके उन्होने बालको प्रबंधन पर भी गहरी नाराजगी जताते हुए जमकर फटकार लगायी। कलेक्टर संजीव झा के इस तेवर को देखने के बाद पॉवर प्लांट के अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ हैं।

कोरबा जिला की पहचान पॉवर हब के रूप में की जाती हैं। लेकिन इसी कोरबा जिला को सर्वाधिक प्रदूषित शहरों के रूप में भी पहचाना जाता हैं। पॉवर प्लांटों से होने वाले प्रदूषण के साथ ही संयत्र से निकलने वाले राख की उपयोगिता को लेकर कोरबा जिला कलेक्टर संजीव झा ने मंगलवार को कलेक्टोरेट में समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में पर्यावरण विभाग, एनटीपीसी, बालकों, लैंको, सीएसईबी के अफसर मौजूद रहे। बैठक शुरू होते ही सबसे पहले कलेक्टर संजीव झा ने एक-एक कर अधिकारियों से उनके संयंत्रों से निकलने वाले राख और उसकी उपयोगिता की जानकारी ली। अफसरों ने भी कागजी आकड़े बताकर अपने कर्तव्यों की जानकारी प्रशासन के समक्ष रख दी।

लेकिन इसके बाद जब कलेक्टर ने जमीनी हकीकत जानना शुरू किया तो अधिकारियों के पसीने छूटने लगे। फ्लाई ऐश यूटिलाईजेशन के सवाल पर कलेक्टर ने साफ किया कि एसईसीएल की खदान और सड़को के निर्माण में ऐश सप्लाई कर आप अपने दायित्वों से नही बच सकते। अगर संयंत्र से राख निकल रहा है, तो उसके शत-प्रतिशत निपटारे की जिम्मेंदारी भी आपकी ही हैं। कलेक्टर संजीव झा ने बैठक में साफ किया कि ऐसा बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जायेगा। कलेक्टर ने पॉवर प्लांट के अफसरों को सुझाव देते हुए बताया कि ऐश यूटिलाइजेशन के लिए भू-विस्थापितों को फ्लाई ऐश ब्रिक्स का यूनिट लगाकर दिया जाना चाहिए। जिससे राख की उपयोगिता के साथ ही प्रभावित लोगों को रोजगार के अवसर दिये जा सके।