एक ही परिवार के 7 लोगों की जघन्य हत्या मामले में 9 साल बाद आया फैसला, कोर्ट ने दोषी राहुल वर्मा को सुनाई फांसी की सजा

नई दिल्ली/स्वराज टुडे: कारोबारी के परिवार के 7 सदस्यों को मौत की नींद सुलाने पर दोषी करार राहुल वर्मा को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। 9 साल 2 माह से ज्यादा पुराने इस केस में सोमवार को अंतिम फैसला आया।

कोर्ट ने धारा-302, 394 व 411 में अलग-अलग सजा और जुर्माना किया है। गाजियाबाद में घंटाघर कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती मौहल्ले में विगत 21 मई 2013 की रात इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था। कारोबारी सतीश गोयल के मकान में लूटपाट के इरादे से घुसे कातिल ने बेखौफ होकर खूनी खेल खेला था।

सतीश गोयल, उनकी पत्नी मंजू, बेटे सचिन, पुत्रवधू रेखा, पोती मेघा, नेहा और पौते अमन की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। सामूहिक हत्याकांड के उपरांत नकदी और कीमती जेवरात लूट लिए गए थे। अगले दिन यह मामला प्रकाश में आने पर शहरभर में सनसनी फैल गई थी।

पुलिस ने शक के आधार पर राहुल वर्मा निवासी बजरिया को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। दरअसल वह कारोबारी सतीश गोयल की कार पर चालक रह चुका था। पुलिस की तफ्तीश जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे वारदात में राहुल के संलिप्त होने की कड़ियां जुड़ती चली गईं।

उसके कब्जे से कारोबारी के घर से लूटी गई नकदी व जेवरात भी बरामद हो गए थे। पुलिस जांच में पता चला था कि चूंकि राहुल को कारोबारी के परिवार के सभी सदस्य भली-भांति पहचानते थे, इसलिए उसने अपनी पहचान उजागर होने के डर से एक के बाद एक सभी 7 सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी थी।

गाजियाबाद कोर्ट में यह मामला विचाराधीन था। कोर्ट ने शनिवार को राहुल वर्मा को 7 कत्ल के जुर्म में दोषी करार दिया था। इसी क्रम में सोमवार को कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने धारा-302, 394 व 411 में अलग-अलग सजा और जुर्माना किया है।