सीपत एनटीपीसी प्रबंधन के कारनामे से सीपत क्षेत्र के किसान, भुविस्थापित एवं क्षेत्रवासियो में भारी आक्रोश
मीडिया को झूठी जानकारी देकर सुर्खियां बटोर रहा एनटीपीसी, नौसिखिए पीआरओ की वजह से सीपत एनटीपीसी प्रबंधन की हो रही फजीहत
बिलासपुर/स्वराज टुडे: नौरत्न कंपनी के नाम से विख्यात सीपत एनटीपीसी के राखड बाँध से लगभग 10 किमी के दायरे में आमजन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। बीते तीन दिनों से आए आंधी तूफ़ान से राखड बाँध का धूल 10 किमी की आबादी में उड़ा व लोगो की खाद्य सामग्रियों को प्रदूषित कर दिया। इसके चलते ग्रामीणों में एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है । वहीं एनटीपीसी के प्रभाव से क्षेत्र में समस्याओ का अम्बार लगा हुआ है जिसकी सैकड़ो बार शिकायत किए जाने के बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं होने से एनटीपीसी प्रभावित ग्रामीणों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है|
राखड़ बांध से निकाले गए राखड़ से किया जा रहा सड़क निर्माण
सीपत एनटीपीसी के राखड बाँध से निकाले गए राखड से मस्तुरी से कोरबा का सड़क निर्माण किया जा रहा है जिसके चलते हलकी सी आंधी में भी सड़क पर फैले राखड़ आबादी क्षेत्र में उड़कर लोगो के घरो में घुस जाता है। उनके खाने पीने की चीजो को प्रदूषित कर देता है। वहीं सड़क मार्ग में फैले राखड की वजह से राहगीरों का आवागमन दूभर हो गया है।
एनएच हाईवे रोड में राख पाटने का काम जारी
इसी तरह मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम रलिया से जयराम नगर जाने वाली मुख्य सड़क में टेलर-हाईवा एनटीपीसी के द्वारा डेम से एनएच में हाईवे रोड में राख पाटने का काम चल रहा है। दिन भर 10 से 20 गाड़ियों का लाइन लगा रहता है जोकि लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है| एनएच ठेकेदार एवं एनटीपीसी के ठेकेदार द्वारा लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। रोड में जगह-जगह राख का गुब्बारा पड़ा हुआ है जो कि रलिया से जयरामनगर जाने वाली रोड में लोग मुँह और आंख में धूल खाते जाते हैं ।
राखड़ के उड़ने से दुर्घटना की आशंका
राखड़ की वजह से कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है । सुबह से स्कूल जाने वाले बच्चों का रोड में जाना रहता है और हाईवे और ट्रेलर फर्राटे भरते हुए रोड में चल रहे हैं, लेकिन ठेकेदार द्वारा ना तो टैंकर से पानी का छिड़काव किया जाता है और ना ही रोड की सफाई की जाती है।
एनटीपीसी की पीआरओ मिडिया में देती है झूठी जानकारी
एनटीपीसी के काले सच को यहाँ के भूविस्थापित, प्रभावित ग्रामवासियों द्वारा उजागर किया जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो एनटीपीसी स्थापना के बाद से प्लांट के प्रदुषण से 10 किमी का दायरा बुरी तरह से प्रभावित है जिसके चलते ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। वही एनटीपीसी में पदस्थ पीआरओ नेहा खत्री द्वारा प्लांट प्रबंधन के काले सच को बाहर आने से रोकने मिडिया को झूठी बाते ही बताती रही है। पीआरओ नेहा खत्री की पदस्थापना के बाद से मिडिया वर्ग में भी आक्रोश देखा जा रहा है|

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