छत्तीसगढ़
अम्बिकापुर/स्वराज टुडे: नामी गिरामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को सरगुजा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।आरोपित नालंदा (बिहार) जिले के ग्राम नोआवां थाना अस्थावां निवासी आयुष राज(27) व ग्राम भिखनी बिगहा थाना सारे निवासी अमरजीत कुमार(28) से दो लाख 52 हजार रुपये नकद,घटना में प्रयुक्त कंप्यूटर सेट,लैपटाप,15 मोबाइल,एटीएम कार्ड,वेब कैमरा सहित कई बैंक पासबुक जप्त किया गया है।गिरोह में वेबसाइट निर्माण करने का जानकर सहित अन्य लोग भी शामिल है।दिल्ली,बंगाल के आसनसोल में भी गिरोह के सदस्य आनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देने में लगे है।पुलिस गिरोह के दूसरे सदस्यों को भी गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी है।
सरगुजा पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने बताया कि ब्रह्म रोड अंबिकापुर निवासी प्रणय शेखर घोष से 26 अप्रैल से चार मई 2022 के बीच लेंसकार्ट (चश्मा फ्रेम निर्माता कंपनी) का शो रूम खुलवाने के नाम पर लगभग 14 लाख रुपये की ठगी की गई थी।साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने पाया कि आरोपितों के द्वारा कई मोबाइल एवं बैंक खातों की मदद से राशि का आहरण किया गया है।बारीकी से मोबाइल नंबरों की छानबीन में आरोपित आयुष राज व अमरजीत कुमार का भी नाम सामने आया।इन दोनों को गिरफ्तार करने टीम रवाना की गई।अमरजीत कुमार गांव छोड़कर नालंदा जिले के बिहार शरीफ से पकड़ा गया जबकि आयुष राज को उसके गांव नोआवां से गिरफ्तार किया गया।आयुष राज ने बारहवीं तक की पढ़ाई की है।डाटा एंट्री आपरेटर तथा काल सेंटर में कार्य करने की वजह से उसे तकनीकी ज्ञान भी है।इसने गांव में आनलाइन सेवाओं पर आधारित दुकान का संचालन भी आरंभ किया था।
अब तक गिरोह के 7 सदस्यों की हो चुकी है पहचान
एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि दोनों आरोपितों ने स्वीकार किया है कि वे फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को झांसा दे इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग कर धोखाधड़ी करते है।उन्होंने बताया कि गिरोह के लोग बंगाल के कई शहरों तथा राजधानी दिल्ली में भी बैठकर काम करते है।इनमें से कई आपस मे कभी नहीं मिले लेकिन मोबाइल और व्हाट्सअप के माध्यम से परिचित है।सबका अलग-अलग काम है और धोखाधड़ी की राशि का हिस्सा सभी को मिलता है।अब तक की जांच में पुलिस गिरोह के सात सदस्यों का पता लगा चुकी है।इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी अंबिकापुर निरीक्षक भारद्वाज सिंह,निरीक्षक कलीम खान,विजय प्रताप सिंह,उप निरीक्षक रूपेश नारंग,साइबर सेल से प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह,भोजराज पासवान,कुंदन सिंह के साथ अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारी सक्रिय रहे।
इनके नाम से बनाई फर्जी वेबसाइट
* लेंसकार्ट के साथ कई अन्य नामी कंपनियों की फ्रेंचाइजी देने।
* चार धाम यात्रा की आनलाइन बुकिंग
* जनऔषधि केंद्र के तहत दुकान खोलने की अनुमति।
* अलग-अलग कंपनियों की डीलरशिप देने के नाम पर फर्जी वेबसाइट।
पुलिस ने बंद कराया फर्जी वेबसाइट
एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में अब तक इन्होंने जिन कंपनियों के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों की बैंक खाते और व्यक्तिगत जानकारी लेकर धोखाधड़ी की थी उसकी जानकारी ली गई है।अब ये फर्जी वेबसाइट गूगल एकाउंट पर नजर नहीं आएंगे।
पांच स्तर पर टीम लगी रहती है साइबर ठगी में
* कस्टमर केयर सेंटर की तर्ज पर जालसाजों द्वारा अलग-अलग नंबरों पर फोन कर लोगों को फंसाया जाता है।
* जानकारी मिलते ही एक टीम पीड़ित के खाते से राशि अंतरण में लग जाती है।
* जालसाजों की एक टीम एटीएम बूथ से तत्काल राशि अंतरित खातों से नकद राशि आहरण में लगा रहता है।
* गिरोह के कुछ सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर संपर्क के लिए व्यक्तिगत नंबर जारी करते है।
* इन सभी के ऊपर निगरानी के लिए कुछ लोग सुपरविजन का काम करते हैं।
किराए पर भी लेते है खाता नंबर
एसपी भावना गुप्ता ने साइबर ठगी के मामले में बताया कि इसमें किराए पर किसी का भी बैंक खाता का नंबर भी लिया जाता है ताकि उस खाते में भी ठगी की रकम अंतरित की जा सके।बाद में राशि आहरित कर ली जाती है और खातेदार को मासिक या फिर सालाना हिसाब से कुल राशि का कुछ प्रतिशत बतौर कमीशन दिया जाता है।एक ही खाते में बार-बार ज्यादा रकम लेन-देन से बचने के लिए कई खातों का उपयोग किया जाता है।
साइबर ठगी से बचने सतर्कता जरूरीःभावना
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया कि आनलाइन ठगी का यह नया तरीका है जिसमें नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाई जा रही है, इसके लिए सतर्क रहने की अपील उन्होंने की है।एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि सरगुजा पुलिस के इंटरनेट मीडिया पेज पर ठगी से बचने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई गई है जिससे नागरिक जागरुक होकर आनलाइन ठगी के शिकार होने से बच सकते हैं। उन्होंने जिलेवासियों से आनलाइन ठगी एवं इंटरनेट मीडिया की जालसाजी से बचने के लिए सरगुजा पुलिस के इंटरनेट मीडिया पेज को फ़ालो करने की अपील की है ताकि लोग सजग और सतर्क हो सके।

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