हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने की मुहिम में छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने मारी एंट्री, राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन, खनन से बांगो बांध का वाटर कैचमेंट एरिया प्रभावित होने की जाहिर की आशंका

छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना ने मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है। जिसमें बताया है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र के कोल ब्लॉक में कोयला खनन की अनुमति देने से हसदेव बांगो बांध परियोजना के मुख्य वाटर कैचमेंट एरिया प्रभावित होना बताया है जो कोरबा समेत आसपास के कई जिलों की कृषि व ग्रामीण-शहरी पेयजल आपूर्ति की प्राणदायिनी है।

सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले में स्थित परसा-केते कोल ब्लॉक से खनन की राज्य शासन ने अनुमति दी है। यह कोल ब्लॉक हसदेव अरण्य क्षेत्र में है जो कोरबा जिले तक फैला हुआ है। इसकी अनुमति देने के बाद से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कोयला निकालने पेड़ों की हो रही कटाई का स्थानीय ग्रामीण भी विरोध जता रहे हैं। अब इसे छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना का भी समर्थन मिला है।

ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान संगठन के जिला संयोजक जैनेन्द्र कुर्रे और जिलाध्यक्ष अतुल दास महंत ने संयुक्त रूप से बताया है कि इस कोल ब्लॉक की अनुमति से जंगल में विचरण कर रहे वन्य प्राणियों का जीवन संकट में आ गया है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए वर्षों पुराने पेड़ों को रात के अंधेरे में काटा जा रहा है। हसदेव अरण्य क्षेत्र पांचवी अनुसूचित जिलों में सैकड़ों वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। यहां कोयला खनन से प्राकृतिक जल मार्ग नष्ट हो जाएगा। इससे कई जिलों की जीवनदायिनी हसदेव नदी पर बने बांगो बांध का वाटर कैचमेंट एरिया भी प्रभावित होगा।


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