‘घाटी छोड़ो या फिर मरने के लिए तैयार रहो’ कश्मीरी पंडितों को आतंकियों ने दी खुलेआम धमकी

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श्रीनगर/स्वराज टुडे: जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित इन दिनों डरे हुए हैं। बडगाम जिले के चदूरा तहसील दफ्तर के अंदर गुरुवार को सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।

इस बीच आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हवाल ट्रांजिट आवास में रहने वाले कश्मीरी पंडितों को खुलेआम धमकी दी है।

‘घाटी छोड़ो या फिर मरने के लिए तैयार रहो’

लश्कर-ए-इस्लाम के आतंकियों ने एक पोस्टर जारी करते हुए कश्मीरी पंडितों को धमकाया है कि या तो वो घाटी छोड़ दें या फिर मरने के लिए तैयार रहें। बताया जा रहा है कि इस ट्रांजिट आवास में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी पंडित सरकारी सेवा में हैं।

पोस्टर में लिखा- तैयार रहो, तुम मरोगे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हवाल ट्रांजिट आवास के अध्यक्ष को लेकर लिखे पोस्टर में धमकी देते हुए लिखा है कि “सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो। ऐसे कश्मीरी पंडित जो कश्मीर एक और इजरायल चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है। अपनी सुरक्षा दोगुनी या तिगुनी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो, तुम मरोगे”।

राहुल भट्ट की हत्या के बाद जारी प्रदर्शन

बता दें कि राहुल भट्ट की हत्या के बाद केंद्र शासित प्रदेश में रह रहे कश्मीरी पंडित सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इस पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि घाटी में कश्मीरी पंडित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों के रिहायशी इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी जाएगी।

उपराज्यपाल से लगाई सुरक्षा की गुहार

सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा पर चिंता जाहिर की। कश्मीरी पंडित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों ने कश्मीर घाटी से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की अपील की। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। ऑल पीएम पैकेज एंप्लॉयीज फोरम ने 14 मई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखे एक पत्र में कहा, “हम, पीएम पैकेज कर्मचारी और गैर-पीएम पैकेज कर्मचारी आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें कश्मीर से सुरक्षित निकाल दें और बचा लें। अगर आपका अच्छा स्वयं कुछ भी करने में सक्षम नहीं है तो हम आपको सामूहिक इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।”


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दीपक साहू

संपादक

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