बाल संप्रेषण गृह से दो अपचारी बालक फरार, मामले को दबाने में जुड़ा प्रबंधन

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छत्तीसगढ़
बिलासपुर/स्वराज टुडे: महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले बाल संप्रेक्षण गृह जिला बिलासपुर से दो अपचारी बालकों के फरार होने की खबर आ रही है। मामले को अधीक्षक दबाने का प्रयास कर रहा है । उसके द्वारा संबंधित थाने में इस घटना की सूचना नहीं दी गयी है।

2 वर्ष पूर्व बालिका गृह से भी 7 बालिकाएं हुई थी फरार

गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित बाल संप्रेक्षण गृह सरकंडा बिलासपुर में स्थित है। पास में ही बालिका गृह संस्था भी संचालित है। लगभग 2 वर्ष पूर्व पास के ही बालिका गृह से सात बालिकाएं फरार हो गई थी। जिसमें से 5 बालिकाओं को कोरबा जिला से बरामद किया गया था और बाकी दो बालिकाओं को अन्य जगह से रेस्क्यू किया गया था। यह मामला विधानसभा में शहर विधायक शैलेश पांडे ने उठाया था जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया था और अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे।

बाल संप्रेषण गृह से आज दो अपचारी बालक हुए फरार

उस घटना के बाद मंगलवार को बिलासपुर जिले के ही बाल संप्रेक्षण गृह से दो अपचारी बालक फरार हो गए। बताया जा रहा है संस्था के प्रभारी अधीक्षक राहुल पवार ने इसकी सूचना संबंधित थाने में नहीं दी है। लगातार बिलासपुर जिले से ही इस तरह की घटना सामने आ रही है। संबंधित घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है कि संस्था में अधीक्षक के रूप में कार्य करने वाले व्यक्तियो में नेतृत्व की कमी है।

शायद इसीलिए इस तरह की घटना लगातार सामने आ रही है जो कि बहुत ही निंदनीय है। अगर बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक संबंधित थाने में इसकी सूचना देता  तो निश्चित ही पुलिस फरार बालकों की तलाश करने में मदद करती ।

बाल सम्प्रेषण गृह दुर्ग से फरार एक बालक की हो गयी थी हत्या

गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व इसी प्रकार की बाल से।संप्रेषण गृह दुर्ग से कुछ नाबालिग फरार हो गए थे जिसके बाद एक बालक की हत्या करके उसकी लाश बिलासपुर में अरपा नदी के पास फेंक दी गयी थी। बावजूद इसके विभाग गंभीर नहीं है । खासकर बिलासपुर महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं में कार्य करने वाले अधीक्षकों की लापरवाही लगातार देखने को मिलती है। जिसका खामियाजा समय-समय पर देखने को मिलता रहा है।

अगर फरार अपचारी बालकों के साथ कुछ घटना घटी तो कौन होगा जिम्मेदार

किशोर न्याय बोर्ड अधिनियम के तहत देखरेख और संरक्षण वाले संस्थाओं में अगर इस तरह की घटना आए दिन घटती रही तो कौन होगा इसका जिम्मेदार ??

ऐसे गंभीर मामलों को हल्के में ना लिया जाए और संबंधित थाने को इसकी सूचना दिया जाए। बताया जाता है कि फरार दो युवकों में से एक युवक कोटा थाना क्षेत्र का रहने वाला है तो वही दूसरा युवक सरकंडा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। यहां पर। ये उठता है कि संस्था के अधीक्षक ने इस घटना  की जानकारी संबंधित थाने में इसकी सूचन अगर फरार युवकों के साथ किसी प्रकार का अप्रिय घटना या दुर्घटना होती है तो किसकी जिम्मेदारी होगी।

संविदा कर्मचारी राहुल पवार को तीन जगह का प्रभार

महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर में दो जिला महिला बाल विकास अधिकारी है। एक नेहा राठिया व दूसरा उमाशंकर गुप्ता है। इन दो जिम्मेदार पात्र अधिकारियों के होते हुए भी एक संविदा कर्मचारी को संस्था संचालन करने के लिए प्रभार दिया गया है। संभवत प्रदेश का यह पहला जिला होगा जहां पर एक संविदा कर्मचारी को एक दो नही बल्कि तीन-तीन जगह का प्रभार दिया गया है ।

महिला बाल विकास विभाग की मनमानी

बताया जाता है कि राहुल पवार बाल संप्रेक्षण गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, और विशेष गृह के प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहा है है। जबकि जिला कार्यालय में दो-दो वरिष्ठ व पात्र अधिकारी को बैठाया गया है उन्हें संस्था में किसी प्रकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इस तरह से बिलासपुर जिला में महिला बाल विकास विभाग पर अधिकारियों की मनमानी चल रही है।

विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया को आवश्यकता है कि खासकर बिलासपुर जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर उनको कार्य करने के लिए उचित दिशा निर्देश दे ताकि उनके विभाग में उनकी छवि बरकरार रहे। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि इस मामले में बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक राहुल पवार के खिलाफ विभाग किस तरह की कार्यवाही करता है।


“बाल संप्रेक्षण गृह से दो नाबालिग युवक गार्डनिंग के दौरान फरार हो गए हैं। खोजने का प्रयास किया जा रहा है।”
राहुल पवार (प्रभारी बाल संप्रेक्षण गृह)


बाल संप्रेक्षण गृह से नाबालिग युवको के फरार होने की सूचना संस्था के द्वारा थाना को नहीं दिया गया है।

परिवेश तिवारी, थाना प्रभारी सरकंडा


 

दीपक साहू

संपादक

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