छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी को एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत “नैनो यूरिया फर्टिलाइज़र एवं उसके निर्माण की विधि” के आविष्कार पर भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रतिष्ठित ‘Certificate of Inventorship’ प्रदान किया गया है। यह पेटेंट संख्या 508189 के तहत 12 जनवरी 2023 को स्वीकृत हुआ, जबकि इसका आवेदन 3 जून 2025 को IFFCO द्वारा किया गया था।
इस गौरवशाली उपलब्धि पर सहकार भारती छत्तीसगढ़ ने गहरी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. अवस्थी को बधाई दी है। संगठन ने इसे न केवल भारतीय सहकारी क्षेत्र, बल्कि संपूर्ण कृषि व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया है।
सहकार भारती छत्तीसगढ़ का संदेश
“डॉ. अवस्थी जी का यह आविष्कार भारतीय कृषि को टिकाऊ, वैज्ञानिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है। नैनो यूरिया पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में अधिक कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती है। यह नवाचार सहकारिता के माध्यम से किसानों तक पहुँचा है, जो इस मॉडल की सफलता का प्रमाण है। हम सहकार भारती की ओर से डॉ. अवस्थी जी और IFFCO परिवार को इस अतुलनीय सफलता के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित करते हैं।”
घनश्याम तिवारी
प्रदेश संयोजक, पैक्स प्रकोष्ठ, सहकार भारती छत्तीसगढ़
“नैनो यूरिया केवल एक उर्वरक नहीं, बल्कि एक क्रांति है। इससे कृषि उत्पादन में सुधार, लागत में कमी और पर्यावरण संरक्षण – तीनों लक्ष्यों को एक साथ साधा गया है। डॉ. अवस्थी ने यह सिद्ध किया है कि वैज्ञानिक नवाचार जब सहकारिता के माध्यम से आम किसान तक पहुँचता है, तब उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।”
रामप्रकाश केशरवानी
प्रदेश कोषाध्यक्ष, सहकार भारती छत्तीसगढ़
क्या है नैनो यूरिया?
IFFCO द्वारा विकसित नैनो यूरिया विश्व का पहला तरल (Liquid) नैनो फर्टिलाइज़र है, जिसे पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। पारंपरिक यूरिया की एक बोरी के स्थान पर मात्र 500 मि.ली. नैनो यूरिया की एक बोतल ही पर्याप्त होती है। इससे न केवल किसानों की लागत कम होती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता, जलवायु पर प्रभाव और पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होता है।
नैनो यूरिया का मुख्य लाभ यह है कि यह पौधों को नाइट्रोजन का सीधा और अधिक प्रभावी रूप प्रदान करता है, जिससे उर्वरक की बर्बादी नहीं होती और उत्पादकता में वृद्धि होती है।
राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सराहना
डॉ. अवस्थी के इस अविष्कार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक “गेम-चेंजर इनोवेशन” के रूप में देखा जा रहा है। देशभर के किसान, वैज्ञानिक, सहकारी संस्थान और पर्यावरणविद इस तकनीक की सराहना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी हजारों लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
IFFCO का योगदान
IFFCO, जो विश्व की सबसे बड़ी किसान आधारित सहकारी संस्था है, निरंतर भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में कार्यरत है। नैनो यूरिया इसका प्रमुख उदाहरण है कि कैसे सहकारिता मॉडल और वैज्ञानिक नवाचार मिलकर देश के किसान को सशक्त बना सकते हैं
उम्मीदों की नई उड़ान
सहकार भारती छत्तीसगढ़ ने आशा जताई है कि यह आविष्कार भविष्य में और भी उन्नत कृषि नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करेगा। संगठन ने किसानों, पैक्स समितियों और सहकारी संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे नैनो यूरिया को अपनाकर एक हरित, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें।
यह भी पढ़ें: झारखंड शराब घोटाले में बड़ा खुलासा, IAS की पत्नी के खाते में हर महीने ट्रांसफर होते थे लाखों रुपए
यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रिया में अंधाधुंध गोलीबारी से मौत का तांडव, 8 छात्रों समेत 10 लोगों की मौत, हमलावर भी मारा गया

Editor in Chief